भारत में धार्मिकता और आस्था जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। धार्मिक परंपराओं में स्नान को केवल शरीर की शुद्धि का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और पापों के नाश का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण जब लोग पूछते हैं “नहाण कब है?” (Nahan Kab Hai), तो उनका आशय होता है—किस दिन पवित्र स्नान करना श्रेष्ठ रहेगा।
चाहे कुंभ मेला हो, गंगा दशहरा, माघ स्नान, अमावस्या या पूर्णिमा स्नान—हर शुभ दिन पर नदी या तीर्थ स्थान में स्नान का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं “नहाण” से जुड़ी समग्र जानकारी।
Contents
- 1 नहाण क्या है?
- 2
- 3 नहाण के प्रकार
- 4 नहाण क्यों महत्वपूर्ण है?
- 5 नहाण कब है? (आगामी तिथियाँ 2024–2025)
- 6
- 7 स्नान के नियम और विधि
- 8 नहाण के दौरान किन बातों का ध्यान रखें?
- 9 नहाण से जुड़े धार्मिक स्थल
- 10 मोबाइल से कैसे जानें “Nahan Kab Hai”?
- 11 निष्कर्ष: नहाण कब है, इसका उत्तर है—हर वो दिन जो आपकी श्रद्धा से जुड़ा हो
- 12 आपके अगले कदम:
नहाण क्या है?
नहाण (या “स्नान”) एक धार्मिक प्रक्रिया है जिसमें किसी विशेष दिन पवित्र नदियों, सरोवरों या तीर्थों में स्नान करके पुण्य अर्जित किया जाता है। यह दिन विशेष रूप से धार्मिक कैलेंडर (पंचांग) में निर्दिष्ट होते हैं, और इनके पीछे गहरा आध्यात्मिक और खगोलीय आधार होता है।
शास्त्रों में कहा गया है:
“गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिंधु कावेरी जलस्मिन्सन्निधिं कुरु॥”
अर्थात इन नदियों के जल में स्नान से सभी पाप नष्ट होते हैं और आत्मिक शांति मिलती है।
नहाण के प्रकार
1. मासिक स्नान (Monthly Bath Days)
हर माह की पूर्णिमा, अमावस्या, एकादशी, और संक्रांति तिथि पर नहाण का महत्व होता है।
2. पर्व विशेष स्नान (Festival Baths)
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माघ स्नान: माघ महीने में प्रतिदिन सूर्योदय से पहले गंगा स्नान।
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गंगा दशहरा: गंगा नदी में स्नान करने से 10 प्रकार के पापों का नाश होता है।
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कार्तिक स्नान: कार्तिक मास में स्नान और दीपदान विशेष पुण्यदायक माने जाते हैं।
3. कुंभ मेला और अर्धकुंभ स्नान
प्रत्येक 12 वर्ष में आने वाले कुंभ स्नान को सबसे महत्वपूर्ण स्नानों में माना जाता है। इसमें करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
नहाण क्यों महत्वपूर्ण है?
✅ आध्यात्मिक दृष्टिकोण से:
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नहाण आत्मा की शुद्धि, मन की शांति और पापों के प्रायश्चित का मार्ग माना जाता है।
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ग्रंथों के अनुसार, पवित्र नदियों में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं।
✅ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से:
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ब्रह्ममुहूर्त में ठंडे जल से स्नान करने से रक्त संचार बेहतर होता है।
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शरीर ऊर्जावान और मानसिक रूप से शांत रहता है।
✅ ज्योतिषीय दृष्टिकोण से:
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जब चंद्रमा और सूर्य की स्थिति विशेष रूप से अनुकूल हो, तब जल तत्व का स्पर्श शुभ फल देता है।
नहाण कब है? (आगामी तिथियाँ 2024–2025)
| तिथि | पर्व / स्नान | दिन |
|---|---|---|
| 17 जुलाई 2024 | आषाढ़ पूर्णिमा स्नान | बुधवार |
| 4 अगस्त 2024 | हरियाली अमावस्या स्नान | रविवार |
| 19 अगस्त 2024 | श्रावण पूर्णिमा स्नान | सोमवार |
| 2 अक्टूबर 2024 | महानवमी स्नान | बुधवार |
| 17 अक्टूबर 2024 | शरद पूर्णिमा स्नान | गुरुवार |
| 3 नवम्बर 2024 | कार्तिक अमावस्या (दीपावली) | रविवार |
| 15 नवम्बर 2024 | देव दीपावली स्नान | शुक्रवार |
| 30 दिसम्बर 2024 | पौष पूर्णिमा स्नान | सोमवार |
| 14 जनवरी 2025 | मकर संक्रांति स्नान | मंगलवार |
| 13 फरवरी 2025 | माघ पूर्णिमा स्नान | गुरुवार |
👉 नोट: समय और मुहूर्त स्थान विशेष के अनुसार अलग हो सकते हैं। सटीक जानकारी के लिए स्थानीय पंचांग देखें।
स्नान के नियम और विधि
🕗 समय:
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सबसे उत्तम समय ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे तक) होता है।
🙏 विधि:
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प्रातः जल्दी उठें और स्नान की तैयारी करें।
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मन में संकल्प लें: “मैं पुण्य के लिए स्नान कर रहा/रही हूँ।”
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नदी, तालाब या जल पात्र में स्नान करें (गंगा जल श्रेष्ठ माना जाता है)।
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स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें।
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मंत्रों का जाप करें:
“ॐ गंगे च यमुने चैव नर्मदे सिंधु कावेरी।
जलस्मिन्सन्निधिं कुरु॥” -
स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा करें।
नहाण के दौरान किन बातों का ध्यान रखें?
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अशुद्ध मन से स्नान करना निष्फल माना जाता है।
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स्नान के बाद पवित्र और सात्विक भोजन ही करें।
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क्रोध, लोभ, और निंदा से दूर रहें।
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जरूरतमंदों को दान करें—विशेषकर अन्न, वस्त्र, और तिल।
नहाण से जुड़े धार्मिक स्थल
1. हरिद्वार – गंगा स्नान के लिए प्रसिद्ध
2. प्रयागराज – त्रिवेणी संगम, कुंभ का स्थल
3. वाराणसी – गंगा तट, देव दीपावली के लिए प्रसिद्ध
4. उज्जैन – क्षिप्रा नदी के तट पर कुंभ स्नान
5. नासिक – गोदावरी नदी में कुंभ स्नान
इन स्थानों पर स्नान का विशेष पुण्य बताया गया है।
मोबाइल से कैसे जानें “Nahan Kab Hai”?
आज के डिजिटल युग में आप नीचे दिए गए माध्यमों से प्रतिदिन का स्नान मुहूर्त देख सकते हैं:
✅ वेबसाइट्स:
✅ ऐप्स:
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Hindu Calendar
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Daily Panchang
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Panchangam (Android / iOS)
निष्कर्ष: नहाण कब है, इसका उत्तर है—हर वो दिन जो आपकी श्रद्धा से जुड़ा हो
जब आप “नहाण कब है?” पूछते हैं, तो आप केवल एक तिथि नहीं, बल्कि आस्था, आत्मशुद्धि और आत्मिक उन्नति की ओर कदम बढ़ा रहे होते हैं। हर दिन जिसमें आप तन और मन से पवित्र भाव रखकर स्नान करते हैं, वही दिन आपका नहाण है।
आपके अगले कदम:
✅ स्थानीय पंचांग देखें
✅ ब्रह्ममुहूर्त में उठने की आदत डालें
✅ हर पूर्णिमा और अमावस्या पर स्नान करें
✅ जब संभव हो, गंगा या तीर्थ में स्नान का अवसर लें
🙏 हर स्नान से शरीर और आत्मा दोनों को शुद्ध करें – यही है सच्चा नहाण। 🙏
अगर आप चाहें, तो मैं किसी विशेष महीने का स्नान कैलेंडर या “कुंभ स्नान 2025 कब है” जैसे विषय पर भी विस्तृत लेख प्रदान कर सकता हूँ।

